आत्मरक्षा स्वाभिमान के साथ
आत्मरक्षा स्वाभिमान के साथ
अपने स्वाभिमान की रक्षा को
और अपनी आत्मरक्षा को
नारी को स्वयं ही लड़ना होगा
निर्भय हो , इस भूमि में
अपना हथियार उठना होगा
जिन पाक कला में निपुण हाथ
उस हाथों से अपना शस्त्र उठाना होगा
अबला न बन सबल कर स्वयं को
दुष्टों का अंत करना ही होगा
दुष्ट चाहे हो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष
उनकी इति का लक्ष्य होना होगा
कर स्वाभिमान स्वयं पर
ना कर आकलन कम स्वयं का
दुष्टों का भेद लक्ष्य करना होगा
नारी अब तुझे सबला होना होगा।।