आत्मीय
आत्मीय
मेरी जिंदगी को रोशन करने वाला वह काला
बोर्ड मुझे बहुत भाता है !
मेरे भीतर सृजन के बीज बोने वाला ..
मेरे भीतर की खीज को धोने वाला ...
मेरे कठिन प्रश्नों के उत्तर देने वाला..
मेरी जिज्ञासा की प्यास को बुझाने वाला
काला बोर्ड सिर्फ़ बोर्ड नहीं नजर आता
वह नजर आता है मार्गदर्शक पथ प्रदर्शक !
मेरे जीवन के लक्ष्य को बताने वाला
मुझे नित नवीन ऊर्जा से भरने वाला
मेरे जीवन में इंद्रधनुषी रंग भरने वाला
काला बोर्ड सिर्फ़ बोर्ड नहीं नज़र आता
वह एक नवीन भाव, नई कल्पना के रूप में
वह एक खिली धूप और ठंडी छाँव के स्वरूप में
वह आनन्द के सागर की तरह लहराता है ।
वह नित शक्ति का प्रतीक बन मुझे अपनी छिपी
शक्तियों से रूबरू कराता है
वह नवीन ढंग से मेरे अस्तित्व को सुदृढ़ बनाता है
मेरे व्यक्तित्व को वह चार चाँद लगाता है ..
सच वह काला बोर्ड सिर्फ़ बोर्ड नहीं नज़र आता
वरन किसी आत्मीय जन की तरह
वह मुझे आज भी भाता है। !!
