वो चौकीदार अंकल
वो चौकीदार अंकल
वो एक मजबूर ग़रीब आम आदमी था,
चौकीदार बनकर परिवार चला रहा था।
अपने दोनों बच्चों को पढ़ाया-लिखाया,
बड़े ऊँचे ओहदे पर दोनों नौकरी करते।
पिता ने दोनों की नौकरी के लिए कर्ज,
अपना सब गिरवी रखकर चुकाना था।
वो चौकीदार अंकल स्वाभिमानी पिता,
बेटे-बहुओं ने घर से निकाल दिया था।
बहुत ही ज़्यादा क्रोध हमें भी आता है,
रात को चौकीदार अंकल पहरा देते हैं।
हर रोज़ रात को पहरेदारी किया करते,
हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते।
