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Anjali Suyal

Abstract

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Anjali Suyal

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आत्मानुशासन

आत्मानुशासन

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जिंदगी भर जो रूपये के पीछे वो भागते रहे 

दूसरों को नीचा दिखा कर भी जो मुस्कुराते रहे 

कभी आंसू किसी के पोछे नहीं

फिर इंतजार किसका करते रहे ? 


दया का भाव तनिक भर भी मन में नहीं लिए  

लोग जब जब खुद को खुुदा समझने लगे 

और अपनी गरीमाओ का त्याग करने लगे 

तो ईश्वर भी यहाँ किसी न किसी रूप में आने लगे॥ 


द्वापर युग में ही कृष्ण ने विस्तार से यह बताया था 

कि कल्युग का आना तो निश्चित ही है 

मगर कुछ मानव दुष्कर्म करके राक्षस भी बन जाएगें  

यह कब और किसने निश्चित किया था ? 


जिस मानव को आजादी इतनी प्यारी थी 

जिसको पाने के लिए 

वीरो ने अपनी जान गवा दी थी 

आज वहीं कुछ लोगों के स्वार्थ ने

उस आजादी की परिभाषा ही बदल डाली।


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