कहानी
कहानी
अब मेरी कहानी तो होगी,
पर उसमें तू न होगा।।
जितना रोना था रो लिया,
अब न आँसू होंगे,
न आँसू पोछने के लिए तू होगा।।
जरूरत पड़ने पर सबने
मुझ को याद किया,
पर जब भी जरूरत मुझे पड़ी,
तब मुझे सम्भालने के लिए
कोई न मिला।।
दोषी मैं ही हूँ...उम्मीद लगाने की
भूल जो मैंने की।
कोई नहीं...प्यार न सही
सबक ही सही... चलो
कुछ तो मिला।।