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Jina Sarma

Romance

3  

Jina Sarma

Romance

आत्म प्रेम

आत्म प्रेम

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क्या आत्म प्रेम स्वार्थ है?

नहीं हम अगर खुद से प्यार कर नहीं सकते

तो दुसरो को कैसे प्यार करेंगे?

आत्म प्रेम के बिना स्वाभिमान भी नहीं रहता,

समाज में आज भी

आत्म प्रेम को ग़लत ही समझा जाता, 

अगर हम अपने आप से

प्यार नहीं करते दुसरे भला क्यों करेंगे?

दुसरो से सम्मान पाने की लालच में

हमें आत्म प्रेम नहीं छोड़ना चाहिए,

चाहे कोई स्वार्थी ही माने।


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