आत्म हत्या - क्यों
आत्म हत्या - क्यों
कसका होगा उसका मन ' कई कई बार
दरका हो गा ' उसका जिगर भी कई कई बार
यूँ ही नहीं कोई करता आत्महत्या का विचार ।
बच्चो की तोतली बातें, भूख से कुम्हलाई आंते '
दुल्हन की वो सूनी प्रश्न पूछती आंखें .
रोटी को तरसती मुन्ना की खुली बाहें '
मांकी खांसती थकी, सांसे '
हताशा में डुबोती होगी, उसको
फूट फूट कर रुलाती होगी उस को
कहाँ जाए . किधर जाए, प्रश्न डराते होगे उसको,
ये एहसास बार बार आया होगा
जिजीविषा हारी होगी ' आत्महत्या का विचार तभी आया होगा। ।