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Amar Singh Rai

Inspirational

4  

Amar Singh Rai

Inspirational

आस्तिक

आस्तिक

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ज्ञान और विज्ञान से परे,

 घटती जब भी घटनाएँ।

  प्राणि जगत हतप्रभ होता,

   बिन कर्ता के देख क्रियाएँ।


कौन नियंता जगत का है?

 करता कौन नियोजन है?

  कैसे जीवित जीव-जंतु हैं?

   कौन कराता भोजन है? 


प्राकृतिक परिवर्तन हैं जो,

 आस्तिक यह विचारधारा।

  आदि अदृश्य शक्ति है कोई,

   करे नियंत्रित जग सारा।


बाल-बाल बच जाते जब भी,

 मौत सामने दिख जाती।

  तब लगता कैसे हो पाया?

   तभी याद ईश्वर की आती।


है अदृश्य रब कण-कण में है, 

 जिसको मान रहा इंसान।

  अनसुलझी हैं कई पहेलीं,

   जिनसे लगता है भगवान।


    


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