आशना है मुझसे मेरा दिल
आशना है मुझसे मेरा दिल
जब आशना है मुझको मेरा दिल गहराइयों तक
तो इसमें दर्द क्यों पनपते हैं?
पैरों की शान बन बैठी, घुंघरु टूटते भी हैं एक दिन
तो पायल छनकते क्यों हैं?
बड़ी तेज तपिश है सूरज की, मालूम है उसकी तपन
तो ये आग दहकते क्यों हैं?
मोम जाने अपनी औकात कि फर्श पर ढल जाना है
तो ये मोम पिघलते क्यों हैं?
अपरिचितों की बात नहीं, जब दोस्ती है मेरी उससे
तो रंजिशें निकलते क्यों हैं?