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Rahulkumar Chaudhary

Romance Classics Fantasy

3  

Rahulkumar Chaudhary

Romance Classics Fantasy

आशिक बिचारा

आशिक बिचारा

2 mins
172

दिल की बात कहने में बहुत वक्त लगाया

आज कई साल बाद जब वो मुझे

मॉल में मिली तो पुरानी यादें ताजा हो गईं। 

नजरें मिलते ही इसी मॉल की सीढ़ियों पर बैठकर

चाय की चुस्कियां लेते हुए घंटों गप्पे मारना याद आने लगा। 


तब हम सिर्फ अच्छे दोस्त थे।

सभी को लगता था कि हमारे बीच कुछ पक रहा है।

लेकिन, इन सबसे बेखबर मैं और अंजलि दोनों ही

दुनिया की बातों को हंसकर टाल दिया करते थे। 


कॉलेज बंक कर दोनों अपने अड्डे पर ही

फ्रैंडस के साथ मस्ती करते थे।

हम दोनों के बीच दोस्ती से ज्यादा कुछ नहीं था।

कई बार दोस्तों ने कहा भी कि यार

कह दे मन की बात, वो भी तुझे प्यार करती है।


ना जाने क्यों मुझे लगता था कि अंजलि जैसी

खूबसूरत लड़की मुझे प्यार कर ही नहीं सकती। 

कॉलेज खत्म होते ही अंजलि अपने शहर लौट गई।

उस वक्त ऐसा लगता था मानों सब खत्म हो गया है। 


आज जब इतने दिनों बाद अचानक अंजलि मिली तो

मुस्कुराहट से शुरु हुई मुलाकात

लंबी बातचीत में कब बदल गई पता ही नहीं चला।

आज मैंने ठान लिया कि

उसे मन की बात बोलकर ही रहूंगा,

चाहे जवाब जो भी हो।

अंजलि भी शायद इसी इंतजार में बातों को खींच रही थी। 


आखिरकार मैंने मन की बात को जुबान पर ला ही दिया।

आंखों में आंखें डालकर कह दिया, 'आई लव यू'।

ये सुनते ही उसकी आंखों में आंसू आ गए।

अंजलि ने बोला कि कितना लंबा वक्त लगा दिया ये कहने में। 


मैं भी तुमसे प्यार करती हूं। उसी दिन हमने शादी करने की ठान ली।

दोनों के घर वालों ने मिलकर हम दोनों को हमेशा के लिए एक कर दिया।

ये थी मेरी छोटी सी लव स्टोरी


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