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Lakshman Jha

Romance

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Lakshman Jha

Romance

आशा

आशा

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भूले -बिसरे 

सारे क्षण 

हम साथ बिताया 

करते थे,


चलते थे 

मंजिल 

पाने को 

एक दूजे के 

साथ में रहते थे,


सपने 

को संजोये 

आँखों में

जीवन पथ पर 

हम चलते थे,


खूब बढ़ो

और फूलो 

फलो 

यही सदा 

हम कहते थे,


नींव धैर्य का 

ज्ञान विवेक का 

तन-मन में हम भरते थे,

सच्चाई की 

लौ से 

दीपक 

सारे घर में जलते थे !


पर अब 

भूल गए 

बीते क्षण 

प्यार के फूल बरसते थे ,


फिर भी मेरी 

आश बंधी है

जो क्षण हमारे 

प्यार के पल गुजरते थे !


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