आस
आस
भूले से भी भटके से भी,
तुमको मेरे नैना ढूंढते।
आस लगते बाट जोहते,
बीते पलों में तुम्हें खोजते।
वर्षा की बूंदों में नहीं हो,
न सूखे ताल तालियों में,
आशा से भरे नज़रों में मिले ना,
ना मिले निराशा के क्षण में।
ढूंढ तुम्हें थक गई हैं आँखें,
मन ने भी अब विराम लिया,
जीवन के अंतिम क्षण में
आशाओं ने विश्राम लिया।
खोज अधूरी है मेरी,
पाने की आस अधूरी है,
पपीहे की प्यास बुझाने को
आसमान से बूँद जरुरी है।