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aazam nayyar

Abstract Fantasy

4  

aazam nayyar

Abstract Fantasy

आपकी यादें

आपकी यादें

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200

सच कहूँ मैं आ रही है रोज़ यादें आपकी !

इसलिए देखे है आज़म हर पल राहें आपकी 


दिल करे है देखता ही मैं रहूँ बस रात दिन 

ए सनम इतनी हंसी है ये आँखें आपकी


दूरियां जब से बढ़ी है प्यार में तुमसे सनम 

रोज़ आती है उल्फ़त की याद बातें आपकी 


हाँ हमेशा के लिए रक्खो मुहब्बत की ख़ुशबू 

दें रही है जो मुहब्बत की बू सांसें आपकी


ग़ैर होने का लगेगा फ़िर नहीं अहसास यूं 

जिंदगी भर दें सहारा जो ये बाहें आपकी 


जिंदगी से दूर आज़म की रहेगा ग़म सदा 

हो अगर जो प्यार की यूं ही बरसाते आपकी


आज़म नैय्यर 

सहारनपुर 


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