आपके जैसे बागबाँ से हमें नाज ह
आपके जैसे बागबाँ से हमें नाज ह
जिंदगी आपकी रंजो गम से भरपूर है।
फ़िर भी आपके चेहरे पे नूर है।
आशियाँ आपका हमारी उरूज है।
आपकी अजमत हमारा गुरूर है।
एक लफजो में बहता खून तो
दूसरा लहजो में निखरता जूनून है।
एक जजीरा है बे-लौस का तो
दूसरा साहिल है सब्र का
एक हिदायत से बेशूमार तो
दूसरा फितरत से सहल है
आपकी मरासिम हमारी इखितयाल है
आपका होना हमारी खूश किस्मती है
शुक्र अदा करूँ खूदा से कैसे
आपके जैसे बागबाँ से हमें नाज है