STORYMIRROR

अच्युतं केशवं

Abstract

4  

अच्युतं केशवं

Abstract

आप हमें पहचान न पाये।

आप हमें पहचान न पाये।

1 min
329

आप हमें पहचान न पाये

या फिर अपना मान न पाये

हम तो सदा आपके ही थे

किन्तु नेह प्रतिदान न पाये।


बस अभिनन्दन ग्रन्थ न थे हम

अत:मान का पान न पाये

हम मुंडेर के काले कौए

कोयल वाले गान न पाये।

द्वार तलक आ-आकर लौटे

कभी आपका ध्यान न पाये

कुछ अपनी आवाज मंद थी

कुछ तुमने भी कान न पाये।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract