आप बदलो मगर........
आप बदलो मगर........
आप बदलो मगर हम बदलते नहीं,
हममें दुनिया बदलने की औकात है।।
कम हमें आंकने की न जुर्रत तू कर,
आन पर मर मिटें ऐसी जज़्बात है।।
आंधियों और तूफ़ानों ने पाला हमें,
ज़ुल्म सहकर बढ़े हैं फकत बात है।।
तुमको अपना बनाना है आता हमें,
हम न भाएं तुम्हें ये अलग बात है।।
सत्य छिपता नहीं तुम छिपा लो भले,
वक़्त बेवक्त सबको वो दिख जात है।।
जन्म से कोई लाता मुकद्दर नहीं,
सेत में मिलने की ये न सौगात है।।
खोट नीयत में आज़ाद जिसके बसी,
दोष नीयत को देना गलत बात है।।
