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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

आओ कोई शाम गुज़ारें।

आओ कोई शाम गुज़ारें।

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आओ कोई शाम गुज़ारें,

मिलकर एक-दूजे साथ।


कैसे-कैसे हसीन ख़्वाब,

देखते रहते हम जनाब।


धोखा देकर बेवफ़ाई की,

गैर से विवाह सगाई की।


सुन अब मुझे रिहाई दे,

अपनी यादों से बेवफ़ा।


कौन अपना कौन पराया,

अच्छी तरह परख लिया।


अँधेरों से हो गई नफ़रत,

उजालों से हो रहा प्यार।


अकेले-अकेले छोड़ दिया,

नाता अमीर से जोड़ लिया।


हमसफ़र बनने का था वादा,

झूठ-लालच था मन में भरा।


कब-तक खट्टी-मीठी यादों,

के सहारे ये जीवन बिताएंगे।



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