जो अबला मन की पीरों से जनी हुई हैं, भ्रष्टाचार के तीरों के लोहे से बनी हुई हैं। जो अबला मन की पीरों से जनी हुई हैं, भ्रष्टाचार के तीरों के लोहे से बनी हुई है...
याद आती होगी वो अधूरी कहानी याद आती होगी वो अधूरी कहानी
नयनों का संसार नयनों का संसार
अकेले-अकेले छोड़ दिया, नाता अमीर से जोड़ लिया। अकेले-अकेले छोड़ दिया, नाता अमीर से जोड़ लिया।
साथ में बैठकर खाना भी खा रहे मगर ना थे एक दूजे के। साथ में बैठकर खाना भी खा रहे मगर ना थे एक दूजे के।
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII