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Zeba Rasheed

Abstract

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Zeba Rasheed

Abstract

आँसू

आँसू

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आँसू की

मौखिक भाषा होती है

बहुत मुखर

ना समझो इसे बूंद

समन्दर से गहरा होता है

एक कतरा आँसू।


शब्द नहीं कह पाते हैं जो

कह देता है आँसू

ना समझो इसे बूंद

समन्दर से गहरा होता है

एक कतरा आँसू।


जुबां नहीं कह पाती वो

कह देता है आँसू

शक्तिशाली होते है ये

दिल को घायल कर देता है

एक कतरा आँसू।


रोकने से नहीं रुकते

गम या खुशी के आँसू

छलक कर खुशी या दर्द

बयां कर देता है आँसू।


दहक उठता है जब दर्द

छलक जाता है आँसू

गर पलक पर रुक जाता तो

शोला बन जाता है

एक कतरा आँसू।


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