आँसू
आँसू
रोक ना पाए जिसको दुनिया सारी
आँखों का वो पानी हूँ मैं,
आँखों की दहलीज से जब बह नहीं पाता हूँ,
तब अंदर तक तबाही मचाता हूँ मैं,
सच है की पलकों में छिपा वो एक बूँद पानी हूँ मैं,
रख दो संभाल कर तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो गर तो एक कहानी हूँ मैं,
यादों के आबशार का कलश हू़ँ मैं,
कभी सैलाब बनकर मुसलसल बह जाता हूँ मैं,
तो कभी पलकों तक आ कर मुकम्मल हो जाता हूँ मैं,
यादों की मीठी तस्वीर जब आ जाती हैं, ख्वाबों के तले
तब हाथों की हथेलियों पर टपकता आँखों का खारा पानी हूँ मैं,
रख दो संभाल कर तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो गर तो एक कहानी हूँ मैं,
ना बिकता हूँ, ना ही खरीदा जाता हूँ
कोई मोल नहीं है मेरा
फिर भी अनमोल हूँ मैं,
आँखों में छिपी कहानी की
खुली किताब हूँ मैं,
राह तकते हुए जब किसी की थक जाती हैं, निगाहें
उन्हीं खामोश निगाहों से छलकता आँखों का पानी हूँ मैं,
गम और खुशी के होते हैं, आँसू एक जैसे
पहचान ले मुझे इतना आसान नहीं हूँ मैं,
अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालों से खफा एक छोटा - सा जवाब हूँ मैं,
दिल में छिपे हर दर्द का गहरा समंदर हूँ मैं,
रख दो संभाल कर तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो गर तो एक कहानी हूँ मैं!