आँसू मेरे वो तेरी याद में
आँसू मेरे वो तेरी याद में
जख्म पुराने आज फिर जवां हो गये
खुद से आज खुद इतने खफा हो गये ।।
आ गई आतिशे-दिल-तपिश आँखों में
आँखों में जो आँसू थे वो धुआँ हो गये ।।
उठने लगी कसके- दर्द जब दिल में
तो दर्द ही ये दर्द के लिये दवा हो गये ।।
रखा जिन्हें शिकंजों में आज तक मैंने
आँसू मेरे वो तेरी याद में रवां हो गये ।।
बोलने लगी खुद-ब-खुद खामोशियाँ
मिल के लोग मुझसे कैसे जुदा हो गये ।।
दर्द भी तू, सुकूँ भी तू, मेरी आरज़ू भी तू
तू कौन है क्या है जो मेरे खुदा हो गये ।।
पड़ गये फ़रिश्ते भी सब हैरानीयों में
मेरी इल्तिजा से ,वो अब दुआ हो गये ।।
वफ़ा के बदले में वफ़ा क्या माँग ली
खरीदार बाज़ार से हवा हो गये ।।