आने का हेतु जग में
आने का हेतु जग में
आने का हेतु जग में क्या है मेरे करतार?
निज कृपादृष्टि पथ पर दो प्रभु डार,
जिससे हो जाए भगवन मेरा उद्धार,
स्वीकार कर लो प्रभु यह विनती मेरी,
हो जाए कुछ ऐसी ही मेहरबानी तेरी।
सारे जहां में प्रभु जी,
इच्छा बिन तेरी पत्ता न हिलता।
तू तो बड़ा है न्यायी,
न्याय दरबार में तेरे है मिलता।
सुमिरन तेरा सुखकर प्रभु,
अति दुखदाई है प्रभु विस्मृति तेरी।
स्वीकार कर लो प्रभु यह विनती मेरी,
हो जाए कुछ ऐसी ही मेहरबानी तेरी।
आने का हेतु जग में क्या है मेरे करतार?
निज कृपादृष्टि पथ पर दो प्रभु डार,
जिससे हो जाए भगवन मेरा उद्धार,
स्वीकार कर लो प्रभु यह विनती मेरी,
हो जाए कुछ ऐसी ही मेहरबानी तेरी।
जीवन प्रभु देना मुझे उतना ,
जब तक मैं किसी के काम आऊं।
जो परहित न कर सकूं मैं,
शरण चरणों की तेरी मैं पाऊं।
निरर्थक बनूं बोझ न मैं किसी पर,
मांगता हूं बस प्रभु भक्ति तेरी।
स्वीकार कर लो प्रभु यह विनती मेरी,
हो जाए कुछ ऐसी ही मेहरबानी तेरी।
आने का हेतु जग में क्या है मेरे करतार?
निज कृपादृष्टि पथ पर दो प्रभु डार,
जिससे हो जाए भगवन मेरा उद्धार,
स्वीकार कर लो प्रभु यह विनती मेरी,
हो जाए कुछ ऐसी ही मेहरबानी तेरी।
(फिल्मी गीत जिसकी धुन पर इस गीत को लिखा गया-" आने से उसके आए बहार,
जाने से उसके जाए बहार.....)