आलिंगन
आलिंगन
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सुनहरे पलों में करना,
चाहूंगी तेरा आलिंगन,
तुम मेरे जीवन का वह पल हो,
जिसे में खोना नहीं चाहती,
एक सपने की तरह हैं हम दोनों
ना मिलते हैं ना बिछुड़ते हैं,
ना कोई शिकवा है,
ना कोई शिकायत है ,
बस एक दूसरे को निहारते हैं,
जाने से पहले जब तुम
मुझे देखते हो तो,
मैं भूल जाती हूँ सब कुछ,
बस मैं हो जाती हूँ शर्म से लाल,
मचल जाता है दिल तेरे आलिंगन को