आकर मेरी बाहों में
आकर मेरी बाहों में
आकर मेरी बाहों में उतार दो लिबास शर्मों हया का।
कुछ इस कदर डूब जाओ मुझ में कि एक जिस्म दो जान।
तोड़ दो सारी बंदिशे और चूम लो मुझे।
हर पल निहारना है मुझे तुमको पलक ना झपके मेरी ऐसी रूह अपनी तुम दिख ला दो मुझे।
मिलन भले ही दो पल का हो लेकिन कुछ इस कदर मिलो की ये उम्र भर याद आए मुझे।

