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Munendra Parashar

Inspirational

4.4  

Munendra Parashar

Inspirational

नारी नहीं तू अवतार है।

नारी नहीं तू अवतार है।

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नारी नहीं तू अवतार है।

माँ के रूप में तू मेरा संसार है।


नारी नहीं तू अवतार है

बहन के रूप में तू मेरी ढाल है।


नारी नहीं तू अवतार है

बेटी के रूप में तू मेरा अभिमान है।


नारी नहीं तू अवतार है

पत्नी के रूप में तू घर द्वार है।


नारी नहीं तू शक्ति का अवतार है।

संसार का आरंभ तुझ से है

तेरा हम सब पर उपकार है।


नारी नहीं तू शक्ति का अवतार है।

जब जब तुझ पर हुए प्रहार है

तब तब तू चंडी का अवतार है 


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