आखिर ऐसा क्यों ही होता है..
आखिर ऐसा क्यों ही होता है..
क्यों बनाने पडे़ लोगों को वृद्धाश्रम है
क्यों बेचारे बड़ों को कोई रखे ना अपने साथ में है
क्या जरूरत पड़ी इतने पेड़ों को काटने की
क्यों किसी ने ना समझी जरूरत उन बेचारो की
क्यों जानवरों को मारते हुए इनकी दया ना जाग आई
क्यों उन बेकसूर के ऊपर लोगों ने कितनी बार है गाड़ियां चलाई
क्यों अपनी गलतियां किसी को दिखती नही
वह सब भी तो जीवित थे जिनकी तुम ने हत्या की
सही गलत की परिभाषा अभी कोई ना जान पाया है
दूसरों को कुचल कर आगे बढ़ना ही हर किसी ने अपनाया है
गलतियों पर अपनी हर किसी ने पर्दा ढका है
पर्दा हटा दो तो उन लोगों की असल सच्चाई का पता चला है
बाद में फिर न्यूज़ देख क्यों ही कोई बोलता है
कि आखिर ऐसा क्यों ही होता है
करने वाले तो तुम ही हो
यह जान लो
बंद हो जाएगा यह सब अगर तुम यह बात मान लो
अगर तुम यह बात मान लो ।।