आकाश के परे
आकाश के परे
आकाश के परे भी कुछ होता है क्या ?
कभी सुना नहीं
किसी ने देखा नहीं ।
मगर टोकियो ओलंपिक में
पी वी सिंधु ने
लगातार दो ओलंपिक में
मेडल जीतकर
अपनी बुलंदियों का झंडा
आकाश के परे भी
फहरा दिया है ।
उसकी सफलता का गुणगान
आकाश के परे भी हो रहा है ।
इकतालीस साल बाद
पुरुष हॉकी में
ब्रिटेन को पराजित कर
सेमीफाइनल में जगह बनाकर
भारतीय हॉकी टीम ने
फिर से इतिहास रच दिया है
1980 में स्वर्ण जीता था
अब उस ओर कदम बढ़ा दिया है ।
और महिला हॉकी टीम ने ?
उसने तो कमाल ही कर दिया
कभी एक मैच नहीं जीता ओलंपिक में
और अब ?
एक से बढ़कर एक
कीर्तिमान रच दिया है
तीन बार की विश्व चैंपियन
आस्ट्रेलिया को हराकर
सेमीफाइनल में जगह
सुनिश्चित कर
'जण गण मन' का घोष
आकाश के परे गुंजा दिया है ।
अब लगता है कि
आकाश के परे भी
बहुत कुछ होता है
वहां बसती है दुनिया
कल्पनाओं की
जहां हर कोई नहीं पहुंचता
पक्के इरादे वाले ही
अपनी कीर्ति पताका
वहां तक ले जाते हैं
और उनका विराट व्यक्तित्व
चमकता है आकाश के परे।