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आजादी

आजादी

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आजादी आजादी आजादी

शोर मचा था

तो पूछ बैठा मैं

सामने खड़े युवक से

ये आजादी क्या है ?


तो वह बोला

मैं आजाद हूँ 

शुद्ध हवा

शुद्ध पानी

मौजों की रवानी

मस्त है जवानी।


न कोई रोक

न कोई टोक

चलता हूँ मैं

बेखौफ।


हक लेता हूँ छीन

झेलता नहीं

किसी का रौब।


हैरान सा खड़ा मैं

सोच में डूबा

बाहर पूछने के बजाए

खुद से पूछने लगा

क्या सच में

यह आजादी है ?


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