आजादी के मायने
आजादी के मायने
"स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।"
क्या सच में हुआ यह सपना साकार है
जाने कब होगा स्वतंत्र देश यह मेरा
अनचाही सोच का पड़ा है इस पर पहरा
कितनी अनसुलझी जंजीरों में
खुद को हम जकड़े जाते हैं,
आओ मिलकर पाएँ आजादी
क्यों अपनी भावनाओं को छिपाते हैं
सबसे पहली आजादी चाहिए छोटी सोच से
तभी ना लड़ा पाएँगे सरहद पर खड़ी फौज से
करो बहिष्कार तमाम उन विकारों का
जो बन जाए बेड़ियाँ राह की,
आओ साथ दें उन विचारों का
जो लाए आजादी चाहे तन्हा सी
आजाद हो हर बेटी देश की कहने को अपनी जुबान
उसे भी समझा जाए मर्दों की तरह ही एक इंसान
सिर्फ कहने को ना हो समानता की बातें यहाँ
कोई तो मुकम्मल कर दिखाए इन बातों के निशाँ
रात का अंधियारा जब गहरा जाए
क्यों बेटी घर से निकलने को घबराए
आजाद करो अपने बेटों की सोच को इतना
लड़की को ना समझें एक मौका, एक हसीना
कल को तुम भी तो बाप बनकर घबराओगे
हुई पैदा लड़की तो तुम ना फिर पछताओगे
दहेज की खातिर कितनी मासूमों को जलाओगे
अपना भी घर एक दिन तुम बंजर सा फिर पाओगे
मत करो मजबूर और बेबस बेटियों के माँ-बाप को
आजाद कर दो उन्हें, मिटा दो इस अभिशाप को
भीख माँगते बच्चे क्या सरकार की मेहरबानी है
यह तो उनके निकम्मे माँ-बाप की नादानी है
घर खर्च चलाने की खातिर बच्चों को जनते जाते हैं
मूलभूत सुविधा भी उन्हें उपलब्ध ना करवा पाते हैं
आओ मिलजुल कर इतना शिक्षा का प्रसार करो
देश के लोगों को इस मानसिकता से आजाद करो
मिल पाए बच्चों को एक स्वच्छ और बेहतर जीवन
आओ मिलकर एक ऐसा आजाद देश तैयार करो
"स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।"
आओ मिलकर इस सपने को साकार करो
इस सपने को साकार करो.....................