आजादी का महोत्सव
आजादी का महोत्सव
स्वतंत्रता और स्वच्छंदता के महीन अंतर को समझ पाये,
अधिकारों और कर्तव्यों के बीच हम संतुलन बना पाये,
देश हित के लिए हमारे हर कदम उठे और हर कार्य हो,
देश को भीतरी आघातों से चलो मिलकर हम बचाये।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में काम हो,
उसी राजनीतिक दलों को वोट देकर सदा सम्मान हो,
भाई भतीजावाद से हर दल सदा ही दूर हो जाये,
संवैधानिक नियमों का सख्ती से हम पालन करवाये।
हर मन में नारी अस्मिता की सुरक्षा प्रथम स्थान हो,
बुजुर्गों की सेवा सबके लिए सदा आवश्यक काम हो,
विश्वपटल पर भारत की छवि धूमिल न हो कभी,
चलो कुछ ऐसा करें कि देश का सदा ही नाम हो।