☆ आज तुम याद आए ☆============
☆ आज तुम याद आए ☆============
कहने बैठा कुछ
बहू दिन बाद
तुम अचानक
आ गए याद,
हर लम्हाँ जो
तुम संंग बीता
हर बाजी जो
तुम संंग जीता
आज घूँट घूँट कर
आसुुँओं संग हूँ पीता,
तुम थे तो
रंग था जीने में
तुम थे तो
जश्न था गम भी पीने मेें
आज गम की
दरिया बहती है
कसक है तुम्हें खोने की
अब तक सब सीने में,
रूप विकराल देखा
यम से काल का
उसी रंंग में
घर तक आए
असुर सा मुुँह अपना फैलाए
छीन लिया न सुन फरियाद
आए आज फिर तुम याद।
