आज फिर
आज फिर


आज फिर याद आ गई तेरी
सुना दिया दोस्तों ने कुछ ऐसे नगमे
आज फिर बह गए आँसू आँखों से मेरी
जिन्हें इतने लम्हों से छुपा कर रखा था मैंने
निकल पड़े आज वो उन्हीं के सामने
निकल पड़े आज वो उन्हीं के सामने
जो हर बार कहते थे
यार! तेरी जिंदगी सही है
आज उन्हें भी समझ आ गए
मेरी हँसी के पीछे छुपे हुए गम
मेरी मुस्कुराहट के पीछे रोती हुई आँखें
अब तेरे बिछड़ जाने का गम नहीं है
गम है तो इस बात का
के अब वो पूछेंगे तेरे बारे में तो क्या कहूंगी
सोचा है, कह दूँगी
तू ही मेरी शायरी है
तू ही मेरी कहानी
तू ही है वजह मेरी खुशी की
और गम की भी तू ही