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Brijlala Rohan

Inspirational

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Brijlala Rohan

Inspirational

आज फिर से इतवार है आया!

आज फिर से इतवार है आया!

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कितनी यादगार इतवारें हमने साथ मिलकर बिताई थी !

खेल- खेल में हमने जिंदगी की अहम हिस्सा गुजारी थी ! 

आती है वो याद अब एक यादगार लमहा बनकर !

लौट आता काश ! वो फितरत भरी सुकून की दोपहर! 

क्षितिज पर यादों की बहार है आया ! 

लो फिर से आज इतवार है आया !

लौट आएं उस दौर में हम जिस दौर की दोस्ती की दास्तान बड़ी निराली थी ।

कितना खुशनुमा वो मौसम था ,कितनी खुशनसीब फिजाएं थीं ।

बस महसूस कर लेने से ही वो पल बार- बार स्मरण हो जाता ! 

अब वो इतवार नहीं आया ।

लेकिन आता रोज है अब भी इतवार नियत समय पे ,

मगर हमारी यादों का इतवार कहाँ है अब आता !

आओं जियें उस पल को ,

क्योंकि आज फिर से इतवार है आया !


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