Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

John Nagarkar

Romance

3.7  

John Nagarkar

Romance

आज मुझे गीला होना है

आज मुझे गीला होना है

1 min
230


एक पल वो याद आया

बिजली चमकी बादल बरसे

बरसों पहले गीला बदन मैंने पाया

आज फिर मुझे गीला होना है

तुम्हें बांहों में लेकर

सूखा मन यह धोना है

आज मुझे गीला होना है

 

आज सर्द भी काँप उठी तुम्हारे

गरम सांसों से

चांदनी भी छुप गयी तुम्हारे

मुस्कुराहटों कि चमक से

सब कुछ हो रहा है अलग यहाँ

तुम हो यही पर मैं हूँ कहाँ

आज मुझे गीला होना है यहाँ

 

ये जलती यह बूंदे

यह ठंडी यह हवा

यह गीला यह मौसम ले जान मेरा

आज फिर जीना है, आज फिर मरना है

आज फिर बांहों में तुम्हें लेना है ज़रा

आज मुझे गीला होना है यहाँ

 

तुम्हारी जुल्फो कि लहर से मचलती यह हवा

तुम्हारी नज़रों के कहर से चमकती यह काली घटा

बादलों से छुप कर बूंदे यह बरस रही

तुमसे शर्मा कर आज चांदनी भी छुप गयी

आज मुझे गीला होना है और कुछ नहीं


Rate this content
Log in