आज की दोस्ती
आज की दोस्ती
दोस्ती वह नहीं जो आपके अँधेरे में और भी अंधेरा फैलाये,
दोस्ती वह है जो आपके अँधेरे को सही राह दिखाके उजाला फैलाये।
दोस्ती वह नहीं जो बस आपके साथ रहे मगर साथ ना दे,
दोस्ती वह है जो सही और ग़लत का फर्क समझाये एवं हर परिस्थिति में आपका साथ दे।
दोस्ती वह नहीं की बस घंटो तक बात होती रहे,
दोस्ती वह है जब भी साथ चलने की वारी आए वह हरदम साथ चलने को तैयार रहे।
दोस्ती वह नहीं जो आपका पैसा देख आपके साथ रहे या आपकी इज़्ज़त करे,
दोस्ती वह है जो सिर्फ़ दिल से प्रेम और बिस्वास से होता है
और जो आपका पक्ष ले और इज़्ज़त आपके अनुपस्थित में भी करे।
दोस्ती कर्ण, दुर्योधन सा न होके,
सुदामा और कृष्ण सा हो, ये है सच्ची दोस्ती जहाँ त्याग भी है और प्रेम भी।
