आज भी
आज भी


मेरे हाथों की लकीरों में है तेरा नाम आज भी
तेरी यादों के सहारे ढलती है मेरी हर शाम आज भी
कहने को तो कह देते हैं हम कि हमें इश्क नहीं है किसी से
पर पीते हैं तेरी याद में हर जाम आज भी।
मेरे हाथों की लकीरों में है तेरा नाम आज भी
तेरी यादों के सहारे ढलती है मेरी हर शाम आज भी
कहने को तो कह देते हैं हम कि हमें इश्क नहीं है किसी से
पर पीते हैं तेरी याद में हर जाम आज भी।