Nisha Singh
Romance
मेरे हाथों की लकीरों में है तेरा नाम आज भी
तेरी यादों के सहारे ढलती है मेरी हर शाम आज भी
कहने को तो कह देते हैं हम कि हमें इश्क नहीं है किसी से
पर पीते हैं तेरी याद में हर जाम आज भी।
मैं और मेरी त...
बरसात
आज भी
क्या हो तुम
ए दुश्मन सुन…
अनचाहा सा ख्व...
शत्रु कोरोना
मैं कभी भी कुछ न बोलूंगी जो भी चाहो कह लेना प्रिये। मैं कभी भी कुछ न बोलूंगी जो भी चाहो कह लेना प्रिये।
एक भोलेपन की अदा के साथ कहा था आ दिल की धड़कन सुन एक भोलेपन की अदा के साथ कहा था आ दिल की धड़कन सुन
मैं तो अपने सांवरे के ही गुण गाऊँ। सांवरा मेरा छैल छबीला, रूप देख हर्षाऊँ।। मैं तो अपने सांवरे के ही गुण गाऊँ। सांवरा मेरा छैल छबीला, रूप देख हर्षाऊँ।।
सन्देश मेरा पाकर सजन न करना बहाना तुम- मेरे बिखरने के पहले ही लौट के आना तुम.. सन्देश मेरा पाकर सजन न करना बहाना तुम- मेरे बिखरने के पहले ही लौट के आना तुम...
सौंप दिया इस जीवन को हे प्रिय! तुम्हारे हाथों में। उत्थान,पतन अब जो भी है, सब कुछ तुम् सौंप दिया इस जीवन को हे प्रिय! तुम्हारे हाथों में। उत्थान,पतन अब जो भी है, सब...
सुन रे पिया! तेरे नाम की मेहंदी सजाई मैंने अपने हाथों में। सुन रे पिया! तेरे नाम की मेहंदी सजाई मैंने अपने हाथों में।
मेरे अल्फाजों को कभी ग़ज़ल कभी गीत कह देते हैं। मेरे अल्फाजों को कभी ग़ज़ल कभी गीत कह देते हैं।
मीठे गीत प्रणय के गाकर और रात सपनों में आकर मुझको रोज छला करती है। मीठे गीत प्रणय के गाकर और रात सपनों में आकर मुझको रोज छला करती है।
सोच रहा क्या ऐसा लिख दूँ जिसे रोज तुम पढ़ा करो। सोच रहा क्या ऐसा लिख दूँ जिसे रोज तुम पढ़ा करो।
तुम्हारे अहसासों के बोये बीज अब दरख्तों की तरह फैल कर मेरे अंतर्मन को भिगोनें लगे हैं- तुम्हारे अहसासों के बोये बीज अब दरख्तों की तरह फैल कर मेरे अंतर्मन को भिगोनें...
वो तो आज भी बैठा है इन्तजार में बादलों की ओट में मुस्कराता..... वो तो आज भी बैठा है इन्तजार में बादलों की ओट में मुस्कराता.....
तुम देखो मुझे कभी प्यार से मुक्ति मिले बोझिल संसार से.. तुम देखो मुझे कभी प्यार से मुक्ति मिले बोझिल संसार से..
प्रीत की बाँसुरी सा बजूँ रात दिन, प्रेम का गीत हरपल सुनाता रहूँ । प्रीत की बाँसुरी सा बजूँ रात दिन, प्रेम का गीत हरपल सुनाता रहूँ ।
अकेलेपन में क्या कभी मैं भी याद आती हूं। अकेलेपन में क्या कभी मैं भी याद आती हूं।
तुम्हारे इश्क में रानाइयाँ अच्छी लगीं मुझको। तुम्हारे इश्क में रानाइयाँ अच्छी लगीं मुझको।
ठीक है हमें सलीका नही, बातों की रफू किया करते हैं। ठीक है हमें सलीका नही, बातों की रफू किया करते हैं।
ये उदासी प्राण लेकर जा रही हो सके तो तुम चली आओ प्रिये। ये उदासी प्राण लेकर जा रही हो सके तो तुम चली आओ प्रिये।
सौगन्ध है तुम्हें ! अब जाना नहीं वरना बह जायेगी ये समस्त दुनिया। सौगन्ध है तुम्हें ! अब जाना नहीं वरना बह जायेगी ये समस्त दुनिया।
सोच को क्यों दबाता है पिंजरे में खुल के तू उड़ तो सही। सोच को क्यों दबाता है पिंजरे में खुल के तू उड़ तो सही।
तुम साथ हमारा देदो साथी , मंजिल को हम पा जायेंगे। तुम साथ हमारा देदो साथी , मंजिल को हम पा जायेंगे।