आई थी दीवाली
आई थी दीवाली
आई थी दीवाली
ढेर सारी खुशियाँ लाई।
आई थी बचपन की यादों
पापा तो लाएँगे टपाकें थैली।
दीदी बाँटेंगी हमको
वो जिंदगी भूल नहीं पाएगी।
गाँव मे हर घर फूलों से सजाते हैं
तरह तरह की मिठाइयाँ बनाते हैं।
फिर भी एक बार मिला है तो
ये बचपन का दिनों मिली है तो
कितनी अजीब की बात है।
वो दिन फिर भी वापस आएगा
ढेर सारी खुशियाँ लाएगा।
