"आगे बढ़"
"आगे बढ़"
उठ खड़ा हो तू आगे बढ़
रुक मत
चल अपने पथ
किसी से न डर
होकर निडर
खुद से लड़
धड़ाधड़
सर कटे या धड़
कर्तव्य पथ पर
तू आगे बढ़
न बन जड़
नदिया बहे
जैसे कल कल
वैसे सतत चल
खुद को बदल
उठ खड़ा हो
आगे बढ़
आलस्य तज
मेहनत कर
जीत हो या
तेरी हार हो
तू कर्म कर
होकर निश्छल
लक्ष्य के लिये
दृढ़ निश्चय कर
बन गिरी अडिग
स्व विश्वास कर
तू जीतेगा
जरूर जीतेगा
पूरी शक्ति से
बस प्रहार कर
ऐसा काम नहीं
तेरे वश में नहीं
चल खड़ा हो
स्व उद्धार कर
उठ खड़ा हो
तू आगे बढ़
रुक मत
चल अपने पथ
