आदर्श राम 😇😇
आदर्श राम 😇😇
कोई कहे ऐसे थे राम, कोई कहे वैसे थे राम
कोई मुझ से भी पूछे, मैं बतलाऊँ कैसे थे राम
राम नहीं कोई व्यक्ति, राम एक व्यक्तित्व बड़ा
जिस व्यक्तित्व के कारण ही तो, राम राज्य आदर्श बना
राम एक विचार जो मात -पिता को ईश्वर तुल्य रखे
राम एक भाई थे जो भाई से निश्चल प्रेम करे
मात- पिता का वचन न टूटे, इस हेतु जो वन मे रहे
भाई के हेतु जो धन, दौलत, सिंहासन सब तज दे
बहुपत्नी समाज मे रह कर जो इकपत्नी का व्रत ले
स्त्री सम्मान करे इतना की पत्थर की मूरत भी तरे
बल इतना की जिसके आगे, पर्वत भी नात्मस्त्क् थे
और विन्मृता इतनी थी कि, परशुराम का क्रोध हरे
ऐसे धन्य पुरुष थे राम, जो सबको समान समझे
ब्राह्मण का यदि भोग लिया, सबरी के जूठे बेर चखे
राम नहीं केवल हिंदू, राम हैं पूरी मानवता
आदर्श हैं वो हर किसी के हेतु, पुत्र, पति, राजा या पिता
राम एक आदर्श बड़े हैं, राष्ट्र और मानवता के
थोड़ा सा यदि सब अपना लें, तो धरती पर ही स्वर्ग बने
कोई कहे ऐसे थे............