आधुनिक हालत
आधुनिक हालत
कर्जासुर हुआ बड़ा भयंकर
जीवन हो गया बद से बदतर
धन पर जीवित हर एक प्राणी
देख, आज के हालात से लगता डर।।
सस्ती हो गई जिंदगी यारों
सादगी की अब न होती कदर
मूर्ख समझते उसको प्यारे
चालाकियों की न जिसने पकड़ी डगर।।
ध्यान, ज्ञान-विज्ञान सब धरा रह जाता
झूठ, मोह, माया जब हो प्रबल
भावनाओं का तब मोल न रहता
और फैल जाता हिंसा का तम।।
एक-एक घड़ियां कीमती बंधू
सोच-समझकर आगे बढ़
सुख-दुख तो है आने-जाने
बस, याद रह जाती जीवन पर्यन्त।।
तेरा भरोसा मेरी शक्ति
मन मंदिर में इस बात को रख
जिंदा रहा तो पूरी करूंगा
अपने ''फूल" पर ये विश्वास तो कर।।