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Dharmesh Chitaliya

Drama

5.0  

Dharmesh Chitaliya

Drama

आदाब -ऐ- मुंबई

आदाब -ऐ- मुंबई

2 mins
7.0K


आसमान छूती इमारते

और स्क़वेर फ़ीट के घर

रोज़ बनते बिख़रते ख़्वाब जैसी है

ऐ मुंबई, तेरे सब है,

तू किसी की नही है


महँगी वाली गाड़ीया,

और भीख मांगते बच्चे

शानदार रास्तो पे,

गढ्ढो जैसी हैं

ऐ मुंबई, तेरे सब है,

तू किसी की नही है


दिलो में बहोत प्यार, और ट्रेनों में जगह नही है

गरमागरम वड़ापाव और तीखी मिर्च जैसी हैं

ऐ मुंबई, तेरे सब है, तू किसी की नही है


खाने को रोटी हैं, मगर सर पे छत नही है

पूरी रात चलने वाली पार्टी जैसी हैं

ऐ मुंबई, तेरे सब है, तू किसी की नही है


बैंड स्टैंड, मरीन लाइन्स पे पलता बढ़ता निखरता प्यार

और चार कदम दूर बिकने वाले ज़िस्म जैसी है

ऐ मुंबई, तेरे सब है, तू किसी की नही है


यंहा पे, रोज़ करोड़ो के सौदे होते हैं शेरबाज़ार में

ठेलों पे, चंद सिक्को पे खर्च होते बचपन जैसी है

ऐ मुंबई, तेरे सब है, तू किसी की नही है


सब बड़े बड़े खिलाड़ी पले-बढ़े

रहते तेरी गोद में

पर बच्चों को खेलने दो गज़ जमीन नही है

ऐ मुंबई, तेरे सब है, तू किसी की नही है


तू खूबसूरत, मदमस्त,

कातिल, जालिम, नशीली बला

तू बारिश में भीगती मासूम लडक़ी जैसी है

ऐ मुंबई, तेरे सब है, तू किसी की नही है...!



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