36. अजेय
36. अजेय
जिसे जीता न जा सके
उसे अजय कहते हैं
पर आज तक किसे
जीता जा सका है
समझ तो आया नहीं
क्या जिसने पराजय
स्वीकार कर ली
या जिसने किसी दूसरे को
अवसर दिया हो
यह समझकर कि
वह मुझसे अधिक योग्य है
उसे जरूरत भी
मुझसे अधिक है
इस अवसर की
अब अजय किसे कहें
जिसने हार कर भी
जीत हासिल कर ली हो
या जिसने अवसर का
लाभ उठाया हो !