333 कविता
333 कविता
तुझको मुझको किसीको
याद नहीं रहा
आज मेरा जन्मदिन....
जीते जी याद नहीं
मरने के बाद
याद रखेगा कौन....
कोई नहीं अपना
दिल जानता है
मानता क्यों नहीं....
खामोश मेरी मोहब्बत
खामोश मेरे रिश्ते
अपना कौन फिर.....
जिंदगी ये जिंदगी
दगा कर रही
क्यों जीये जिंदगी...
दिल टूट गया
बेवफा सब यहाँ
क्यों करे वफा ....