31• घर
31• घर
सभी को होता है
अपना घर प्यारा
जहाँ बाँटते मिल बैठ
प्यार होता बहुत सारा
अपनी अपनी कहते
खुलता खुशियों का पिटारा
तीज त्योहार पर
बनता मिठाई सारा
पकवान होते इतने सारे
पर जी नहीं भरता हमारा
सुरक्षा कवच हम सब की
बचाता हर आपदा से
रिश्ता बनाता प्यारा
घर हमारा सबसे न्यारा!
