चुनौतियां
चुनौतियां
टीम लीडर होने के नाते हम अपने टीम के सदस्यों के व्यवहार को अच्छी तरह से पढ़ एवं समझ पा रहे हैं।जहां टीम में कुछ सदस्यों को सुधार की आवश्यकता है।वही कुछ सदस्यों को यह भी समझना होगा। अपने कार्य को पूर्ण करने के पश्चात दूसरे के कार्य में हाथ बटाना अत्यंत महत्वपूर्ण ही नहीं है।अपितु यह आज के प्रतिस्पर्धा युग में वक्त की मांग है।
हम टीम के लीडर होने के नाते यह भी बता देना चाहते हैं। हमारी टीम के कुछ सदस्य काम अवश्य करते हैं।
वह कड़ी मेहनत भी करते हैं। परंतु अत्यधिक दबाव पड़ने पर झल्ला उठते हैं।हालांकि टीम के सदस्य को इस प्रकार की आदत डाल लेनी चाहिए।जहां उन्हें लगता है आज के दिन उन पर अत्यधिक कार्य का दबाव पड़ने वाला है।जहां उन्हें ऐसा लगता है आज की चुनौतियां उन्हें हरा देंगी।
वहीं उन्हें अपनी कार्यशैली में योजनाबद्ध तरीके से बदलाव कर चुनौतियों को हराना चाहिए।
जहां चुनौतियां आप पर दबाव बना रही हो।वहां अपने द्वारा बनाई गई योजना पर तेजी से कार्य करें।जिसके कारण आप पर आने वाला कार्य दबाव ना बना सके। जैसे धर्मपाल रोशन के साथ कार्य करते हुए या गोदाम में माल लगाते हुए इतना फुर्ती से कार्य करता है।
जहां डेढ़ लाख की बड़ी सप्लाई भी उसकी फुर्ती के आगे चुनौतियां खड़ी होने का साहस भी नहीं जुटा पाती।वह अपने काम को इतना सरल बना देता है।जहां बड़ी से बड़ी चुनौतियां भी उसके पक्के इरादों के सामने घुटने टेक देती है।ठीक उसी प्रकार हमने भी अपने आप को गोदाम के कामके प्रति इतना बदलना है।जहां चुनौतियां ही नहीं कायनात भी पूछे बता तेरी रजा क्या है।
आप सब यह समझे चुनौतियां इतनी बड़ी नहीं होती।जहां वह आपके हौसलों के आगे जीत जाएं।
चुनौतियां इतनी बड़ी नहीं होती। जिसको देखकर आप अपना आपा खो दें।चुनौतियां इतनी बड़ी नहीं होती जहां आप काम के दबाव में आकर झल्ला जाए।अपने कार्य को योजनाबद्ध और तेजी से निपटाए।
जिससे चुनौतियां आपके मजबूत इरादों के सामने नतमस्तक हो जाए
