मेरे कॉलेज का एक किस्सा ......
मेरे कॉलेज का एक किस्सा ......
मैं आपको मेरे उन दिनों का किस्सा है मैं उसको किस्सा कहूं कि वो एक घटना ये कुछ कह नहीं सकता हूँ।
मैं उन दिनों 12 वी कक्षा की पढ़ाई कर रहाँ था उस साल हमारे कॉलेज में स्टोरी कॉम्पिटिशन ओर न जाने क्या होने के लिए तैयारी शुरू थी ,उसी बीच मे मुझे मेरे सर ने मुझसे कहाँ कि आज राजेश आप ही बताओ कि हमे कॉपीटीशन किस विषय पर रखना चाहिये। वो लड़की कितनी प्यारी ओर खूबसूरत थी मैं ओर मेरे समान कॉलेज के कुछ लड़के उस को पटाने के चक्कर में पड़ गए
पर जब बात नहीं गली तो मैंने ये सब छोड़कर अपने पढ़ाई में लग गया उसके बाद जब एग्जाम आये तो वो मेरे पास आई और उसने मुझसे कहाँ कि मैं एकाउंट में थोड़ा कमज़ोर हूँ कृपया आप मुझे पढ़ाओगे। मैं पहले हिचकिचाया फिर कुछ सोचे बिना ही हाँ कह दिया और दूसरे दिन वो मेरे पास पढ़ने आ गई क्यूंकि मैं एकाउंट में पहले से ही अच्छा था इसलिए मैं ने हाँ बोला था पर कभी किसी को पढ़ाया नहीं था पर आज पहली बार किसी को पढ़ाने का अवसर मिला था पर मैन उस लड़की के बारे में बहोत सुन कर रखा था और पहले दिन जब मैंने उसे पढ़ाया तब मुझे भी ऐसा ही लगा पर जब दूसरे दिन वो थोड़ा खुलकर बाते करने लगी इस तरह से 15 दिन बीत गए वो मुझसे इस लिए पड़ने आती थी क्युकि उसके कुछ डॉउट क्लियर नहीं होते थे पर न जाने उस दिन हमारी प्यारी टीचर नहीं आई और तब वो घबराकर मुझसे कहने लगी कि तुम मैडम के करीब हो न ओर मैडम भी अपने सब काम तुमसे ही करवाती (सब लोगो पर वाच रखना और स्कूल से सम्बंदित काम)तो जाकर पता तो करो मैने भी उससे कह दिया कि उन्हें कुछ प्रॉब्लम्स की वजह से नहीं आई होगी आ जायेगी ऐसे ही दो दिन निकल गए फिर मुझसे भी रहाँ नहीं गया मे जब उससे मिलने घर गया उनके तब वो नहीं मिली उनका घर असल मे बाहर से ही बंद था तब मुझे चौकीदार ने बताया कि वो सब छोड़कर निकल गए मैने उससे पूछा तो बताया कि नैनीताल में ग्रैंड फादर के यहां शिफ्ट हो गये तो मैंने एड्रेस लिया और सीधा उनके घर पहुँच गया मैं जैसे ही वहाँ पहुँचा तो ओर बेल बजाए तब मैडम ने ही दरवाजा खोला और उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया और बोला बेटा आप यह कैसे ओर क्यू आये हो जाओ चले जाओ फिर मैं जाने लगा तब मैडम ने मुझे आवज दी और रुकने को कहाँ मै जब उनसे उनके आने का कारण पूछा तब उनके पति ने यानी सर ने कहा कि बेटा हमारा बेटा भी बीकॉम में फाइनल ईयर में पड़ रहा था पर किसी दोस्त के साथ पिकनिक पर गया था ओर उनके वापस आते आते ही उनके बस का एक्सीडेंट हो जाने से उसकी मौत हो गई और उसके सिवा इस दुनिया मे ओर कोई नहीं यही गम हम सह न सके और हम यहाँ आ गए तब उस लड़की याने मीना का कॉल आया तो मैं ने सब वाक्यया सुनाया फिर मैंने बस इतना किया कि उन्हें समझाया ओर उन्हें मेरे यहाँ मेरे माँ बाप बनने को कहाँ क्यु की मेरे भी मा बाप एक साल पहले इस दुनिया से चले गए अब न मेरा इस दुनिया मे था और न उनका कोई था इस लिए मैने फैसला लिया कि वो ही मेरे माता पिता है और उन्होंने भी मेरा स्वीकार कर लिया और इस तरह मुझे मा ओर बाप ओर उन्हें एक लड़का मिल गया आज भी वो मेरे पास है और आज मैं एक कामियाब लड़का हूँ एक डॉक्टर हूँ ओर वो मेरे माँ बाप उसके बाद उन्होंने फिर से कॉलेज जॉइन किया मेरे ही कहने पर ओर पपा भी अपने आफिस में फिर से जॉइन किया और आज हम खुश है अरे फिर मीना ओर मैने प्यार किया और शादी भी की ओर मैं अपने अगली कहानी में आप को सुनाऊँगा पर ऐसा कई किस्से है जो कॉलेज में हुये पर जो मेरे सबसे करीब है वो आपको सुनाया