Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rita Singh

Drama Inspirational

1.0  

Rita Singh

Drama Inspirational

बोनसाई

बोनसाई

3 mins
516


वर्षों बाद एक कार्यक्रम में दो सहेलियों   की भेंट होती है। दोनों ने गाँव में एक साथ पढ़ाई की थी पर श्रुति आगे की पढ़ाई के लिये शहर चली गई। उसने वही से इंजियरिंग की पढ़ाई की और आज वह एक मल्टीनेशनल कम्पनी में  ऊँचे पद पर आसीन है तो वही अलका ने गाँव के कॉलेज से बी.ए. पास किया। आगे भी पढ़ना चाहती थी पर घर वालों ने शिक्षा के बजाय शादी करवाकर अपना कर्तव्य पूरा कर लिया था। आज दोनों सहेलियाँ अचानक मुलाकात होने पर खुश तो थी पर श्रुति अपनी कामयाबी से कुछ हद तक अभिमान करती हुई बोली- "और बोल अलका कैसी है तू ? कुछ कर भी रही है या वही बोनसाई बन कर अपने सपनों का पंख कटवाके जी रही हो ? मुझे देख, मैं मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हूँ। आये दिन मेरा इंटर नेशनल टूर रहता है। तू बता क्या कर रही है ?"

इससे पहले कि वह कुछ बताती आयोजक मंडल के एक सदस्य उसे अपने साथ लेकर चला गया। उसके जाते ही अलका हौले से मुस्कुराई और ऑडिटोरियम के अंदर जाने लगी।

अंदर हॉल खचाखच भरा था। वह चुपचाप जाकर एक खाली सीट पर बैठ गई।

आज नारी शक्ति मंच द्वारा कुछ नारियों को उनकी विभिन्न उपलब्धियों के लिये सम्मान प्रदान करने वाला था।उसी कार्यक्रम में श्रुति को भी बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। मंच सज चुका था, श्रुति मंच पर विराजमान हो चुकी थी।

आयोजक ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत कर दी थी तथा महिलाओं को उनके विभिन्न कार्यो के लिये सम्मान प्रदान किये जा रहे थे। तालियों की गड़गड़ाहटों से पूरा हॉल गूँजने लगा।

कार्यक्रम पूरे जोरों पर चल रहा था, महिलाओं के चेहरे पर खुशियाँ झलक रही थी तभी आयोजक ने एक नाम को बड़े आदर के साथ घोषणा किया- "साहित्य के क्षेत्र से अब आपके सामने आ रही है एक ऐसी रचनाकार जो मौन होकर लिखती रही जिनका नाम है अलका"अनु"। तालियों से हॉल गूँज उठा। आगे संचालक कहने लगे, अलका जी ने अपना शौक पूरा करने के लिये कुछ अलग नहीं किया घर की जिम्मेदारी को संभालते हुए डायरी में भाव दर्ज करती रही और समय के साथ प्रकाशित होती रही और नतिजा "बोनसाई" कृति के रूप में हमारे सामने है। ये वह बोनसाई है जिसकी अपनी ही एक दुनिया है, जिसे सजाने में वह भी काबिल है अन्य वृक्ष की भांति। क्या हुआ गर उसकी टहनियों को काटकर उसका आकार छोटा करें। पर गुण में तो कोई कमी नहीं है उसमें। उसकी इस दुनिया में भी वह वैसे ही सक्षम है, वह भी फल देने में समर्थ है। आज उनकी इस कृति के लिये उन्हे यह सम्मान दिया जा रहा है और यह सम्मान प्रदान करेंगी हमारे मुख़्य अतिथि आदरणीय श्रुति जी। हॉल फिर से तालियों से गूँज उठा।

अलका मंच की ओर बढ़ने लगी, मुख्य अतिथि के रूप में यह सम्मान देते समय श्रुति थोड़ी झेप रही थी, वह शर्मिंदा थी कुछ देर पहले कहे अपने ही वाक्यों पर !


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama