कुल कुल
कुल कुल
"अजी सुनती हो ?"
"जी सुनाइए ।" तवे पर पराठा सेकती हुई पत्नी ने कहा।
"इस लॉकडाउन ने हमें कितना एडजस्ट फूल बना दिया है न !"
"हां जानती हूँ।" पत्नी ने आराम से जवाब दिया।
"कैसे जानती हो तुम ? पति के चेहरे पर जिज्ञास भरी लकीरे उभर आई।
" जिस दिन आपके साथ मेरी शादी हुई थी।" पत्नी ने कहा।
" मतलब ?"
" मतलब यह कि पति पत्नी दोनों का समान अधिकार होना चाहिए हैन ?"
" एकदम बरोबर । तुम भी कमाती हो मैं भी कमाता हूँ, घर दोनों का है।" पति ने सहमति से सर हिलाते हुए कहा।
"है न ! चलिए अब आप हमारे लिए चाय बनाइए ।" पत्नी ने मुस्कुराते हुए कहा।
हम्म.....
पति बेचारा क्या न करता चला स्पेशियल चाय बनाने।