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sagar mehta

Romance

5.0  

sagar mehta

Romance

एक प्यार का नगमा

एक प्यार का नगमा

12 mins
1.0K


अपने हाथों को जेब में डाले हुए देव जूह बीच पर चले जा रहा था। इतनी सारी भीड़ के बावजूद खुद को अकेला महसूस कर रहा था और हो भी क्यों न आज उसके साथ अवंतिका जो नहीं थी..वो और अवंतिका अक्सर जूह बीच आया करते थे घंटों बातें किया करते थे...थोड़ी देर चलने के बाद वो एक जगह बेठ गया और ढलते हुए सूरज को एक टक देखने लगा मानो ढलता हूँआ सूरज उसे अपने भूतकाल में ले जा रहा हो ...

६ साल पहले ... महावीर कॉलेज 

देव m.b.a का स्टुडेंट था ...साधारण सा दिखने वाला आँखों पे चश्मा ..हाथ में स्मार्ट वॉच.. वाइट शर्ट और ब्लैक पेन्ट ..

कॉलेज का कैंपस स्टूडेंट्स से भरा पड़ा था..हो भी क्यों न आज कॉलेज मे सिंगिंग कॉम्पीटिशन जो था।

एक प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है

ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है !

एक सुरीली आवाज ने सब को मदहोश कर रखा था..यह आवाज थी अवंतिका चतूर्वेदी की.. ब्लू फ्रॉक..हाथ में घडी आँखों में काजल... संगेमरमर सा तराशा हूँआ बदन जो देखे वो देखता ही रह जाए..

बहुत बढ़िया अवंतिका.. देव ने अवंतिका से हाथ मिलाते हुए कहा-

हा हर बार की तरह... वैशाली ने कहा-

लाजवाब... अवंतिका !! मोहित ने पीछे से आते हुए कहा 

देव मोहित वैशाली और अवंतिका चारो बहुत अच्छे दोस्त थे.. मूवी देखना , क्लास बंक करना , गुमने जाना... देव और मोहित स्कूल से दोस्त थे दोनों एक दूसरे से कोई भी बात नहीं छुपाते थे लेकिन एक बात थी जो देव ने छुपाई थी ..की वो अवंतिका से प्यार करता है...चारो कैन्टीन में बैठे प्लान बना रहे थे की आज कहा जाये ...तीनो कुछ न कुछ आईडिया दे रहे थे लेकिन देव की नजर तो सिर्फ अवंतिका की बाल की लट पर थी जो बार बार अवंतिका के गालो को छू रही थी और वो हर बार उसे कान के पीछे ढकेला करती थी...

ठीक है तो फिर जूह बीच ही चलते है..- मोहित की आवाज ने देव का ध्यान भंग किया..और निकल पड़े चारो गाडी लेके मुंबई की सड़को पे..

यार बहुत भूख लगी है..चलो कुछ खाते है !! वैशाली ने कहा 

ठीक है चलो ..मैं वडापाव खाऊँगी -- अवंतिका ने कहा 

मैं भी ... मोहित ने कहा 

मेरी सैन्डविच -- वैशाली और देव ने साथ में कहा

ठीक है मोहित तूम वडापाव ले लो में मेरे और देव के लिए सैन्डविच ले लेती हूँ.. और दोनों चले गए ..देव और अवंतिका बीच के पास पत्थर पे बेथ गए..

तूम काफी अच्छा गाती हो ... देव ने कहा 

मेरा favourite song है.. में रोज सुनती हूँ ..खास कर तब जब में उदास होती हूँ -- अवंतिका ने कहा 

तूम और उदास -- देव ने हस्ते हुए कहा 

पूरा दिन गुमने के बाद चारो अपने घर की और निकल पड़े .. मोहित ने देव को घर छोड़ा जाते जाते ..

तू बता क्यों नहीं देता अवंतिका को ? मोहित ने पूछा

क्या ? 

यही की तू उसे प्यार करता है ... - मोहित ने कहा। 

नहीं तो किसने कहा ??- देव ने आशर्यचकित होते हुए पूछा। 

तेरा दोस्त हूँ वो भी तबसे जब हम स्कूल में थे तू छुपा सकता है तेरी आँखे नहीं...बहुत बार देखा है तेरी आँखों में उसके लिए प्यार..

सॉरी मोहित में ने तूमको नहीं बताया .. पर सच तो यह है की मे उसे बताने से डरता हूँ ऐसा ना हो की मेरे एक तरफे प्यार की वजह से दोस्ती भी टूट जाए..और वो मुझसे नफरत करने लगे.. मोहित में उसकी आँखों में अपने लिए प्यार देखना चाहता हूँ नाकी नफरत.. देव ने कहा 

रे बुधु ! ऐसा क्यों सोचता है..ऐसा कुछ नहीं होगा तू बता तो सही..फिर ऐसा ना हो की तूझे ज़िंदगी भर यह अफ़सोस रहे के मैंने कोशिश भी नहीं की..देख यह हमारा कॉलेज में आखरी साल है फिर हम सब अपनी लाइफ में बिजी हो जायेगे ..तो अभी नहीं तो कभी नहीं .. - मोहित ने देव को समजाया 

ठीक है मैं कुछ सोचता हूँ - देव ने कहा 

चल गुड़ नाईट कल कॉलेज में मिलते है --मोहित ने बाइक स्टार्ट की और चला गया और बहार थोड़े दूर गाड़ी रोकी और किसी को कॉल लगाया 

हेलो ! तूम्हारी बात सही है .. वो भी प्यार करता है बस कहने से डरता है मेने उसे थोड़ी हिम्मत दी है के वो बता दे - मोहित ने कहा 

ठीक है गुड ..कल कॉलेज में मिलते है गुड़ नाईट -- बोलकर सामने वाले इंसान ने फ़ोन रख दिया 

कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए एक दिन वैशाली और मोहित प्रोजेक्ट सबमिशन में बिजी थे और अवंतिका और देव कैंटीन में बैठे थे अवंतिका मोबाइल में बिजी थी और साथ में गुन एक प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है"... और देव बस उसे देखे जा रहा था..

तूम्हारा यह गाना में पुरे दिन सुन सकता हूँ..- देव ने चुप्पी तोड़ी

अच्छा तूम्हे भी यह गाना पसंद है ? अवंतिका ने फ़ोन साइड पे रखते हुए कहा

गाना नहीं तूम्हारी आवाज बहुत पसंद है ? देव ने शरमाते हुए कहा

ओह्ह थैंक्स ! वैसे मेने भी तूम्हे कही बार गुन गुनाते देखा हे आज सुना ही दो--

अरे नहीं नहीं में इतना अच्छा नहीं गाता..-देव ने हस्ते हुए कहा

अरे बाबा मेरे लिए प्लीज ! एक बार.. सिर्फ चार लाइन बस - अवंतिका ने विनती करते हुए कहा 

दोनों एक दूसरे को देखे जा रहे थे तभी देव ने पलके जुकाई और कहा "अवंतिका यह सिर्फ तुम्हारे लिए"..और गाना चालू किय

तूम्हें कोई और देखे, तो जलता है दिल बड़ी मुश्किलों से फिर, सम्भलता है दिलक्या क्या जतन करतें हैं, तुम्हें क्या पता

हमें तूम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना...

देव गाते गाते रुक गया दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे अवंतिका कुछ बोले उसे पहले देव ने उसके होठो पे हाथ रख दिया..

कुछ मत कहना अवंतिका सिर्फ सुनना मुझे और मेरे दिल की बात को.. देव ने कहा 

जब से तूम्हे पेहली बार देखा है तबसे तूम मेरे दिलो दिमाग में बस गयी हो तूम्हारी बाते तूम्हारी आवाज तूम्हारी बाल की लट को पीछे ले जाने की अदा मदहोश कर देती हे मुझे ..पागलो की तरह चाहता हूँ तूम्हे बस तूम्हे खो ना दू इस वजह से कभी मेरी फीलिंग्स बताई नहीं तूम्हे..अवंतिका की आँखों में आँशु आ गए और बोली "बुधु में भी तूमसे बहुत प्यार करती हूँ बस तूम्हारे मुँह से सुनना था कितनी बार कोशिस की के तूम बोलदो पर तूम कुछ नहीं बोले ".. अवंतिका ने फ़ोन उठाया और किसीको कॉल किया " हेलो इसने आज बताही दिया" और फ़ोन रख दिया।

किसको कॉल किया था ? देव ने पूछा 

अवंतिका ने देव को पीछे मुड़ने का इशारा किया..देव पीछे मुड़ा तो वैशाली और मोहित चले आ रहे थे हस्ते हस्ते ..

देव तीनों को हँसते हुए देखे जा रहा था ..फिर अवंतिका ने बोलना चालू किया। 

मैं तुमसे प्यार करती हूँ यह बात मेने वैशाली को बहुत पहले बता दी थी और इस मैडम ने बातो बातो में मोहित को बता दिया ...हम तीनो को लगने लगा था की तूम भी मुझसे प्यार करते हो पर कन्फर्म नहीं कह सकते थे इसीलिए उस दिन मोहित जब तूम्हे घर छोड़ ने आया तब उसने तूमको पूछ लिया और जब तूमने भी बता दिया की तूम मुझसे प्यार करते हो तभी तूम्हारे घर से निकलते ही उसने सीधा मुझे कॉल किया..देव सब सुने जा रहा था फिर मोहित बोला .. इसलिए मे तूम्हे कही बार कहता रहा बता दो पर तूम नहीं बता पाए..इसलिए हमारा आज का यही प्लान था की तूम दोनों को अकेला छोड़ा जाये हमारा सबमिशन तो कब का हो गया था बस सी कॉल की वेट कर रहे थे।

और में आज भी नहीं बोलता तो ? देव ने कहा। 

तो में बता देती .. अवंतिका ने शरमाते हुए कहा। 

थैंक यू मोहित ...देव ने कहा। 

क्यों ?

मेरी हिम्मत बढ़ाने केलिए ..देव ने मोहित को गले लगा लिया 

तो पार्टी ? वैशाली ने कहा

तो चलो जूह बीच .. अवंतिका ने कहा और चारो निकल पड़े फिरसे मुंबई की सड़को पर..

जेसे जेसे दिन बीतते गए उनका प्यार और गहरा होता गया..जूह बीच जाते घंटो बाते करते और अपने पूरी ज़िंदगी के सपने बुनते..देव हर बार कोई ना कोई गिफ्ट देता कभी चॉक्लेट कभी rose .. इसबीच अवंतिका ने कही बार देव से कहा की घर पे बता देते हे पर देव मना करता रहा की जब में जॉब पे लग जाऊंगा तब बता देंगे अभी नहीं..समय बीतने लगा दो साल हो गए..देव को मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी पोजीशन पर जॉब लग गई ..एक दिन चारो एक होटल में डिनर केलिए ऐकठा हुए थे ..अवंतिका ने ब्लू ड्रेस पहनी थी जो देव ने उसे उसके बर्थडे पर गिफ्ट की थी..देव अवंतिका को ही देखे जा रहा था 

देव अवंतिका अब तूम लोगो को घर पे बता देना चाहिए अब और देर करना ठीक नहीं होगा..! वैशाली ने कहा 

हाँ देव वैशाली ठीक कह रही है ... मोहित ने कहा।

ठीक है..कल sunday है...अवंतिका साम को हम बात कर लेंगे घर पर... देव ने अवंतिका की और देखते हुए कहा।

मुझे तो बहुत डर लग रहा है देव .. अवंतिका ने कहा।

अरे कुछ नहीं होगा अगर कुछ प्रॉब्लम होगी तो मे हूँ ना ..मे बात करुँगी अंकल से ..-वैशाली ने आश्वासन देते हुए कहा

sunday रात को देव ने खुशखबरी देने केलिए अवंतिका को कॉल किया लेकिन उसका कॉल स्विच ऑफ़ था...उसने सोचा कल सुबह बता दूंगा..उसने वैशाली और मोहित को भी बता दिया ..दूसरे दिन सुबह भी फ़ोन नहीं लगा ऐसे करते करते ४ दिन हो गए उसने सोचा घर चले जाऊ पर कुछ प्रॉब्लम हो जाये तो इसलिए उसने वैशाली को कॉल किया और सारी बाते बता दी और रिक्वेस्ट किया की अवंतिका के घर पे जाके देख आये सब ठीक तो है न ..

शाम को वैशाली देव से मिली..मोहित भी साथ में था .. क्या हूँआ वैशाली?? अवंतिका ठीक तो है ना?? उसके घर पर सब ठीक है न?? तूम्हारी बात हूँई अवंतिका से?? देव ने सवालो का हमला कर दिया..

हाँ अवंतिका तो ठीक है पर उसके घर पर नहीं .. 

मतलब ? देव ने पूछा।

३ घंटे पहले ..

वैशाली अवंतिका के घर पोह्ची..आंटी अवंतिका है घर पर ? उसकी माँ ने कमरे की तरफ इशारा किया ..अवंतिका वैशाली को देख कर उसे गले लगा कर रो पड़ी...

सब ख़तम हो गया वैशाली..में और देव कभी एक नहीं हो पाएंगे ..- अवंतिका ने रोते हुए कहा ... वैशाली ने उसको बिठाया और कमरे का दरवाजा बंध कर दिया और उसके पास जा कर बेठ गई ..

अब बताओ क्या हुआ ? और तूम्हारा फ़ोन क्यों बंध है ?

जैसे हमने तय किया था वैसे ही मैंने शाम को पापा को मेरे और देव के बारे में सब बता दिया...पापा ने तूरंत मना कर दिया और कहा की तूमको यह सब करने केलिए नहीं भेजा था कॉलेज..हमारी हमारे समाज में बहुत इज्जत है तूम क्यों उसे मिटाने पे तूली हूँई हो..येह हमारी ही गलती है की हमने तूमको इतनी छूट दे राखी है की जब मन करे तब घर आओ पार्टी करो घूमने जाओ...हमारे प्यार का येह सिला दिया ..भाग के शादी करनी हो तो कर सकती हो बाद में हमारा मरा मुँह देख ने आ जाना ..और रोते रोते पापा और मम्मी बहार चले गए...२ दिन मुजसे बात तक नहीं की..मेरा फ़ोन भी उनके पास है ...मेरी येह बात का बहुत बुरा लगा है उन्हें हो भी क्यों न मैंने उनकी छुट का उनके प्यार का गलत फायदा उठाया था ...मैंने माफ़ी मांगी और उनको प्रॉमिस किया की मे वही शादी करूंगी जहा वो कहेगे... ऐसा बोलके अवंतिका फिर रोने लगी ..

मैं आंटी से बात करू ? वैशाली ने कहा 

नहीं ! मैंने बहुत मुश्कील से सब संभाला है ...मैं नहीं चाहती फिरसे घर में टेंशन वाला माहोल हो ..

ठीक है ! मैं चलती हूँ ...कुछ काम हो तो बताना ..-वैशाली ने कहा।

सुनो ! देव को कहना मुझे भूल जाये..और अपनी नयी ज़िंदगी की शुरुआत करे...और हो सके तो मुजे माफ़ करदे ..-अवंतिका ने रोते हुए कहा। 

देव येह सब सुन कर रोने लगा...मेरी ज़िंदगी के सारे सपने सपने बनकर रेह गए मोहित..सब ख़तम हो गया कैसे करू ज़िंदगी की नई शुरुआत जब मेरी ज़िंदगी ही मुझसे दूर हो गयी... देव ने रोते हुए कहा..

उदास मत हो भाई ! इसमें ना तो तेरी कोई गलती है न ही अवंतिका की..उसके पापा की सोच ऐसी है तो हम क्या कर सकते है -- मोहित न आश्वाशन देते हुए कहा 

तीनों नम आँखों के साथ अपने घर चले गए... देव उदासी की आगोश में आ गया ना खाता ना किसी से बात करता उसके घर वालो ने बहुत समजाया की उसे भूल जाये..अभी पूरी ज़िंदगी पड़ी है ऐसे उदास रहने से सब ठीक नहीं होने वाला..धीरे-धीरे देव अपनी लाइफ में बिजी हो गया...३ महीने बाद वैशाली का फ़ोन आया की अवंतिका की शादी तय हो गई है...

पूरा घर दुल्हन की तरह सजाया था..घर के बहार फूलो की रंगोली घर के अंदर रंगबेरंगी लाइटों से पूरा घर जगमगा रहा था...आज हल्दी की विधि थी सब अतिथि आये हुए थे अवंतिका के भी सारे दोस्तों को बुलाया था...वैशाली और मोहित भी वही मौजूद थे पर थोड़े उदास थे..

वैशाली अवंतिका को ले आओ हल्दी की विधि शुरू करनी है... - अवंतिका की माँ ने कहा। 

जी आंटी ... वैशाली ने कहा और अवंतिका के रूम की और चल पड़ी।

अवंतिका !

वैशाली की चीख सुनकर सब अवंतिका के कमरे की और दौड़े..वहा का नजारा देख कर सब स्तब्ध हो गए...जमीन पर अवंतिका की लाश पड़ी थी उसने चाकू से अपने हाथ की नश काट ली थी...उसने वही ब्लू ड्रेस पहना था जो देव ने उसे गिफ्ट किया था और म्यूजिक प्लेयर पर धीमी आवाज म हमें तूम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते...मगर जी नहीं सकते तूम्हारे बिना." अवंतिका की माँ बेहोश सी हो गई ..उसके पापा माथा कूट कूट कर रो रहे थे येह क्या कर दिया अवंतिका..मे खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाउँगा..सब मेरी गलती है... मोहित ने देव को फ़ोन किया वह जूह बीच पर बेठा था येह बात सुनकर वो फ़ौरन अवंतिका के घर पोहचा...हस्ती खिलती अवंतिका की ऐसी हालत देख वो वही गिर पड़ा मोहित ने संभाला उसे...एक टेबल पर एक कागज रखा था मोहित ने उठाया और पढ़ना शुरू किया...

मेरे प्यारे मम्मी पापा ...सॉरी मे यह पाप करने जा रही हूँ ..आप लोग मेरी ज़िंदगी हो पर देव मेरी धड़कन है मैं उसके बगेर नहीं रेह सकती...देव प्लीज तुम कोई गलत कदम मत उठाना तूम हमारे सारे सपने पुरे करना जो हमने साथ मिलकर देखे थे..अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत करना और हो सके तो मुजे माफ़ करदेना...इस जहाँ में हम एक ना हो सके पर दूसरे जहाँ में तूम्हारा इंतजार करुँगी...मुजे माफ़ कर देना...अलविदा ... देव फुट फुट कर रोने लगा.. 

आज उस बात को ६ साल हो गए...कहते है किसी के चले जाने से ज़िंदगी अधूरी नहीं हो जाती मगर सच तो येह है की लाखो के मिल जाने से भी उस शख़्स की कमी पूरी नहीं होती ...देव हर sunday को जूह बिच पर आता है हर बार की तरह गुलाब का फूल खरीदता है और अवंतिका को याद करके पानी में बहा देता है ...

गुलाब ले लो ... बचे की आवाज सुनकर देव वर्तमान में आ जाता है ..वो एक फूल खरीदता है आसमान की और देखता है और i love you avantika बोलकर उसे बहा देता है.. और अपने हाथों को जेब में डालकर गुन गुनाते हुए चल"ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है !"


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