सुपर हीरो थीम
सुपर हीरो थीम
"नहीं मॉम मुझे कोई फैरी थीम नहीं चाहिए अपनी बिर्थ डे पार्टी में, मुझे सुपर हीरो थीम चाहिए ", नताशा ने अपनी मां आस्था से कहा।
" बेटा तेरी बिर्थ डे पर बुआ, दादी, मौसी, नानी सभी आ रहे हैं आफ्टर आल, मेरी छोटी सी गुड़िया अब 16 साल की जो हो गई है... है ना ", आस्था ने समझाने की कोशिश करी।
" मॉम प्लीज़ आज मेरा मूड ख़राब मत करो, आप ही ने मुझे सेल्फ डिफेंस सिखाई है, मैं कोई राजकुमारी नहीं बनना चाहती मैं स्ट्रांग बनना चाहती हूँ आपकी तरह। कोई कुछ भी बोले मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता और आपको भी नहीं पड़ना चाहिए... ओके... नाव चियर अप मॉम ", नताशा ने आस्था को उसी की बोली बात आज याद दिला दी।
पूरा घर संगीत की आवाज़ से गूँज रहा था, धीरे धीरे मेहमान भी आ गए। नताशा को केक काटने को बुलाया तो उसे देख सबके होश उड़ गए, उसने कैप्टन मार्वेल के कपड़े पहने थे और केक भी उसी का था। खैर केक काटा गया और डिनर भी हो गया। जाते जाते आस्था की एक सहेली बोल पड़ी
" मुझे तुम्हारी पार्टी बिल्कुल अच्छी नहीं लगी, तुम लड़की हो कोई फालतू लड़का नहीं जो खुद को सुपर हीरो समझो। मैं तो अपनी पार्टी की थीम प्रिंसेस रखूंगी "
" अच्छी बात है... तुम ख़ुद को राजकुमारी समझती हो, लेकिन बता दूँ तुम हो नहीं। मैंने कितनी लड़कियों को मोलेस्ट होते देखा है, पर थैंक्स टू माय मॉम कि उन्होंने मुझे प्रिंसेस नहीं वॉरीयअर बनाया। ग़लत वक़्त आने पर मैं अपनी रक्षा कर सकती हूँ, पर तुम... तुम सिर्फ इंतज़ार करना किसी प्रिंस के तुम्हें बचाने का ", नताशा ने उस लड़की के साथ साथ हर उस इंसान के ज़ुबाँ पर ताला लगा दिया जो आस्था को उसकी अजीब परवरिश के लिए ताने देते थे।